Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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अपरिमेय

 

*अपरिमेय*संभावना क्षीण थी

आशंका घोर,

बायीं ओर से उठाकर

आशंका के सारे शून्य,

धर दिये संभावना के

दाहिनी ओर..,

गणना की

संभावना खो गई,

संभावना

अपरिमेय हो गई..!
*अपरिमेय*

संभावना क्षीण थी

आशंका घोर,

बायीं ओर से उठाकर

आशंका के सारे शून्य,

धर दिये संभावना के

दाहिनी ओर..,

गणना की

संभावना खो गई,

संभावना

अपरिमेय हो गई..!

*संजय भारद्वाज*..✍️9890122603
writersanjay@gmail.com

25.12.2021, सुबह 11:35 बजे

आपका दिन सार्थक हो।
 
*संजय भारद्वाज*..✍️n9890122603
writersanjay@gmail.com

25.12.2021, सुबह 11:35 बजे

आपका दिन सार्थक हो।
 

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