*अपरिमेय*संभावना क्षीण थी
आशंका घोर,
बायीं ओर से उठाकर
आशंका के सारे शून्य,
धर दिये संभावना के
दाहिनी ओर..,
गणना की
संभावना खो गई,
संभावना
अपरिमेय हो गई..!
*अपरिमेय*
संभावना क्षीण थी
आशंका घोर,
बायीं ओर से उठाकर
आशंका के सारे शून्य,
धर दिये संभावना के
दाहिनी ओर..,
गणना की
संभावना खो गई,
संभावना
अपरिमेय हो गई..!
*संजय भारद्वाज*..9890122603
writersanjay@gmail.com
25.12.2021, सुबह 11:35 बजे
आपका दिन सार्थक हो।
*संजय भारद्वाज*.. 9890122603
writersanjay@gmail.com
25.12.2021, सुबह 11:35 बजे
आपका दिन सार्थक हो।
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY