Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

त्रिकालदर्शी

 

Sanjay Kashilal Bhardwaj

S26imom2oa79r7538fhd5u  · 


*त्रिकालदर्शी*

भविष्य से

सुनता है

अपनी कहानी,

जैसे कभी

अतीत को

सुनाई थी

उसकी कहानी,

वर्तमान में जीता है

पर भूत, भविष्य को

पढ़ सकता है,

प्रज्ञाचक्षु खुल जाएँ तो

हर मनुज

त्रिकालदर्शी हो सकता है!

*संजय भारद्वाज*..✍️9890122603
writersanjay@gmail.com

प्रात: 9.31 बजे, 9.4.2020

आपका दिन सार्थक हो। ???? 

— with Kshitij Prakashan Infotainment and Hindi Aandolan.

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ