Sanjay Kashilal Bhardwaj
*त्रिकालदर्शी*
भविष्य से
सुनता है
अपनी कहानी,
जैसे कभी
अतीत को
सुनाई थी
उसकी कहानी,
वर्तमान में जीता है
पर भूत, भविष्य को
पढ़ सकता है,
प्रज्ञाचक्षु खुल जाएँ तो
हर मनुज
त्रिकालदर्शी हो सकता है!
*संजय भारद्वाज*..9890122603
writersanjay@gmail.com
प्रात: 9.31 बजे, 9.4.2020
आपका दिन सार्थक हो।
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