सादर नमन उस माँ की जिसने भू-पर लाया ,
उस पिता को समर्पण आत्मा जो सींच कर मुझे बनाया !
मित्रों ने मित्रवत निभाया , कृष्ण-सा सुदामा
ने पाया ,
विकट काल में पथदर्शक बन आया !
सादर नमन उस माँ की जिसने भू-पर लाया ,
गर्भ धारण को शिव से मांगी, सरवन जैसा पुत्रवत
पायी !
सादर नमन उस गुरुवर का जिसने पथ दिखलाया ,
कई अशुद्धियों को अपने लाली से हटाया ,
कीचरों का कमल नीलकमल कहलाया ,
अर्ध्य खिले को भू-पर लाया !
सादर नमन उस गुरुवर को जिसने दिल से लगाया |
संजय कुमार अविनाश
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