
महाकुंभ में कई चेहरे चर्चित हुए
मध्य प्रदेश में इंदौर के महेश्वर की रहने वाली मोनालिसा भोंसले माला बेचने के लिए प्रयागराज महाकुंभ आईं थी।यहां किसी ने उनका एक वीडियो बना लिया और उसको सोशल मीडिया डाल दिया जिससे लाखों प्रशंसक उसकी सुंदरता नीली आखों के हो गए।पहले के समय महेश्वर 2021 में मोनोलिसा पर कोई इतना ध्यान नही देता था।महेश्वर का ऐतिहासिक महत्व,नर्मदा घाट ,माहेश्वरी साड़ी, फिल्मों की शूटिंग के लिए सबसे ज्यादा ओर नजदीक महेश्वर ही है इसलिए सबका पसंदीदा धार्मिक स्थान भी है।वर्तमान में धार्मिक नगरों-गांव में शराबबंदी करने हेतु एवं विकास कार्यो के सम्बंध कैबिनेट स्तर की बैठक भी महेश्वर में रखी गई थी। कई धार्मिक नगरों में शराबबंदी से देश-दुनिया से धार्मिक नगरी में आने वाले भक्तों को धार्मिक दॄष्टि से उठाए गए निर्णय से धार्मिक नगरी को एक अच्छा संदेश जाएगा।इस तरह से मप्र सरकार द्वारा जागृति लाना ही ऐसे प्रयासों को सार्थकता प्रदान कर सकता है साथ ही आर्थिक एवं स्वास्थ्य संबंधी परेशानी को दूर कर एक स्वस्थ्य जीवन प्रदान कर सकता है | शराब के सेवन से होने वाला नुकसान हमारी कल्पना से कहीं अधिक घातक और जानलेवा होता है। खास तौर से युवाओं के बीच नशीले पदार्थों के सेवन का बढ़ता चलन अब एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है।किसी भी प्रदेश का भविष्य और तरक्की वहां के युवाओं पर टिकी होती है। देश की युवा पीढ़ी अगर गलत रास्ते पर चली जाए तो निश्चित तौर पर उनका जीवन अंधकारमय हो सकता है। नशे का मानसिक, सामाजिक और पारिवारिक स्तर पर भी बुरा असर पड़ता है।सोशल मीडिया पर रील का जो फंडा चल रहा है।उसमें आस्था महाकुंभ की प्रचार में कम होती दिखाई दे रही है।144 वर्षो बाद इस कुंभ मुहरत का आगमन होगा।अमृत स्नान करने हेतु साधु,संतो,श्रद्धालुओं का करोडो की सँख्या में स्नान लाभ का एवं दुर्लभ दर्शन का योग होता है।वही कई तरह के धार्मिक पूजन सामग्री व्यवसाय एवं खाद्य सामग्री का व्यवसाय भी अच्छा खासा चलता है इस सब के बीच महाकुंभ में यूटूबर भी रिले बना बना बनाकर सोशल मीडिया पर डाल रहे है।वही सौंदर्य नीली आंखों वाली लड़की का कुछ ज्यादा ही वायरल कर उसके पूजन सामग्री (माला) में बिक्री प्रभावित करने में लगे है वे खरीदारी के बजाय सौंदर्य का गुणगान कर उससे सवाल जवाब करने में व्यस्त है इसके बजाय सोशल पर जो दुर्लभ साधु संतों के बारे में जानकारी डालना चाहिए। जिससे सब अनभिज्ञ होते है वो डालना चाहिए।कई रिलो पर अंकुश भी नही है।मोबाइल में अभिनय के साथ ऐसा माहौल पैदा हुआ कि आप मोबाइल में रील देखते -देखते कब अभिनय करने वाले नंगी गालियां बकने लग जाये।इसका देखने वालों को भान नही रहता।मोबाइल की आवाज परिवार में सुनाई देती है।विकृति फैलाता ये रील के धंधे पर अंकुश की आवश्यकता है।पहले से ही युवा पीढ़ी ऑन लाइन गेम में बर्बाद हो चुकी और ऊपर से विकृत मानसिकता को बढाने वाले वीडियो भी दस्तक देने लगे है।अब तो गांव -गांव में वीडियो रील बनाने का चलन जोरो पर है।अनपढ़ भी बनाने लगे।स्वस्थ मन को खराब करती कई रिले,अश्लील बोली,छेड़खानी,खतरनाक स्टंट,सोशल मीडिया पर कम कपड़ो में देह प्रदर्शन की सुर्खियों में आई थी।रिले ज्ञानार्जन में उपयोगी हो बनाई जाना चाहिए।सेंसर बोर्ड इसका भी तो होगा ही ऐसी रील के प्रदर्शन की अनुमति नही दी जाना चाहिए। इस महाकुंभ में ज्ञान,दर्शन,आस्था,एकता,रोजी रोटी हेतु व्यवसाय करने वालो के कार्यो में रुकावट नही डाली जाना चाहिये क्योंकि ये महाकुंभ मेला है जो वर्षो बाद आता है।जिस स्थान पर लगता है वो प्रसिद्धि विश्व भर में स्वच्छ छवि के रूप में पाता है।
संजय वर्मा "दृष्टि "
125 ,बलिदानी भगत सिंह मार्ग
मनावर जिला धार (म प्र )
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