Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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माँ

 
माँ


मैने देखी नहीं ,माँ की सूरत 
कहाँ से पाउँगा ,माँ का प्यार।
 
मां करती है ,प्यार- दुलार 
ये बतियाते है मुझसे -यार 
मै अनाथ ये क्या जानूँ 
क्या होता है माँ का प्यार 
बिन माँ के लगते सूने त्यौहार।

        मैने देखी नहीं ,माँ की सूरत 
        कहाँ से पाउँगा ,मै माँ का प्यार।

माँ का आँचल 
आँखों का काजल 
मीठे से सपने 
जैसे खो गए हो अपने 
बिन माँ के लगता है कोरा संसार।

        मैने देखी नहीं ,माँ की सूरत 
        कहाँ से पाउँगा ,मै माँ का प्यार।
 संजय वर्मा"दृष्टि"
मनावर जिला धार मप्र

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