Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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शिष्टाचार

 

कोहरे मे लिपटे
वृक्ष /पहाड़ कितने हसीं लगते है
जेसे प्रकृति ने
चादर ओढ़ली हो
सुबह की ठण्ड से |

 

 

इन पर पड़ी ओंस की बूंदों से
खुल जाती है इनकी नींद
साथ ही सूरज के उदय होते
ऐसा लगता है मानों
घर का कोई बड़ा बुजुर्ग
अपने बच्चों को जेसे उठा रहा हो |

 

 

तब ऐसा महसूस होता है की
प्रकृति भी सिखाती है
सही तरीके से जीने के लिये
प्यार भरा शिष्टाचार |

 

 

 

संजय वर्मा "दर्ष्टि "

 

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