वसंत के आगमन वृक्षों की पत्तियाये इस मोसम के अभिवादन के लिए जमीन पर बिछ जाती है वही टेसू के फूल खिलने लगते है |सूखे पहाड़ो पर बिना पत्ती के वृक्ष अपनी वेदना किसे बताये बारिश होगी तभी इन वृक्षों पर हरियाली अपना डेरा जमा सकेगी बस इन्हें इन्सान काटे ना |क्योकि चोरी से ऐसे वृक्षों को बेजान समझकर ,बिना अनुमति के लोग काटने का प्रयत्न करने की फ़िराक मे रहते है |वृक्षों से ही जंगल, पहाड़ो की सोंदर्यता है |वृक्ष ही इन्सान के मददगार एवम अंतिम पड़ाव तक के साथी होते है व पशु,पक्षियों को आसरा प्रदान करते है |अत: बिना पत्तियों के वृक्षों को बेजान समझकर ना काटें|
संजय वर्मा
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