Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

मेरे वतन के लोगों

 
मेरे वतन के  लोगों 

वतन के लोगों वतन को ,आतंक से  बचालो 
आतंक के कहर को मिलकर वतन से निकालो 
सोने की चिड़िया के वतन को फिर से सजा लो 
संबंधों के बंधन कभी न टूटे ,इन्हे मजबूत बना लो 
   वतन  के लोगो ............. 

आतंक का  जहर कहीं फैल ना जाये वतन मे
बंध न जाए कही वतन गुलामी  जंजीरों में 
रोको इसे आतंक से बचा लो, ओ मेरे देश के रखवालो 
मेरे वतन के लोगो जरा जागो देश संभालो 
  वतन के लोगो .......... 

हिन्दू मुस्लिम सिख ,ईसाई मिलकर रहे वतन में 
भाई चारे को तोड़ने आए बहुत ,बने रहे  एक चमन में
मनोबलों को टूटने से बचालो ,ओ मेरे देेश  के रखवालों 
मेरे वतन की लोगों जरा जागों देश संभालों 
  वतन के लोगों …………… 

दिया तिरंगे को रंग शहीदों की क़ुरबानी से वतन में 
नाज  है  हमें चुमते जमी को सब लोग वतन में 
बन  प्रहरी आतंक से बचालो ओ मेरे देश के रखवालों 
मेरे वतन के लोगों जरा जागो देश संभालो 
  वतन के लोगों …………… 

संजय वर्मा 'दृष्टि "
125 बलिदानी भगत सिंह मार्ग 
मनावर जिला धार (म प्र )

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ