Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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समय छिनता है

 

समय छिनता है

समय छिनता है
मॉ की लोरियॉ
पिता की गोद.
विद्यालय के दोस्त
प्यारा बचपन
अलहड़ जवानी
मॉ. बॉप.
भाई. बहन
ओर...
देता है
सफेद केश
झुकी कमर
चार कंधे
कुछ लकडियॉ
ओर...
आग

 

 

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