Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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फेस न करते फेस को

 

एक यमकीय दोहा:
संजीव

 

 


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फेस न करते फेस को, छिपते फिरते नित्य
बुक न करें बुक फोकटिया, पाठक 'सलिल' अनित्य

 

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