कर्म और गुण
एक कर्म सुनाम कमाये ,
एक कर्म बेनाम रह जाये |
एक कर्म बदनाम बनाये ||
एक आग जग को दिखाये ,
एक आग सबको खिलाये |
एक आग सबको जलाकर राख बनाये ||
एक पानी प्यास बुझाये ,
एक पानी अन्न उगाये |
एक पानी दुनिया को डुबाये ||
एक हवा श्वास दीलाये,
एक हवा जग को उड़ाये |
एक हवा जीवन मिटाये ||
एक नारी जन्म दे जननी कहलाये ,
एक नारी संग दे संगिनी कहलाये |
एक नारी कामलिप्त हो कुलटा कहलाये ||
एक फूल सुगंध फैलाये ,
एक फूल सुन्दरता दिखाये |
एक फूल दुर्गन्ध फैलाये ||
एक पेड़ जो फल उगाये ,
एक पेड़ जो जग साजाए |
एक पेड़ जो डंडा बन मार खिलाये ||
एक अन्न जो भूख मिटाये,
एक अन्न जो रोग बढ़ाये|
एक अन्न जीवन घटाये ||
एक प्राणी दूजे के काम आये ,
एक प्राणी दूजे को खाये|
एक जवान दूजे के खातिर अपनी जान गवांये ||
एक समय नवजीवन दे ,सफल बनाये खुशियाँ लाये ,
एक समय दुःख मे कष्ट दिलाये बड़ा रुलाये |
एक समय सबको बिन बुलाये दुनिया से मिटाए ||
(रचनाकार ="संजू"रोशन शर्मा )"
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