तेरे इश्क की दरिया में जो उतर जायें!
पल दो पल समय के पांव थम जाये!!
सांसों की ये मद्धम गरमाहट रग रग में न पिघल जाये!
झील सी आंखे तेरी कहीं उफनता सागर न हो जाये!!
यादों की किताब से जिंदगी के पन्ने खुल न जायें!
तेरे इश्क में डूबा हूँ, तू बेवफा न बन जाये!
तेरे इक दिदार से धड़कन सहम न जाये!
आंसू के साहिल पे हूँ , कहीं दिल न फिसल जाये!!
जवां पुनम की रात में गर तू बाहों से लिपट जाये!
चांद-तारे शरमाये, चांदनी नजर छुपाये!!
तेरे होठों की इक छूअन,बिखेरती हजारों बिजलियाँ!
कितना भी दूर तूझसे रहूँ, पर घट जाती हैं दूरियाँ!!
इक नन्ही मुस्कान तेरी, नींद से जगाती है!
हो कितने भी फासले, हर पल तेरी याद सताती है!!
#क्षात्र_लेखनी©
@SantoshKshatra @GeoBharat.org
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