मेरी चिट्ठी मां के नाम
प्यारी मां,
प्रणाम !
यह मातृ दिवस का चलन देश में
पश्चिम की ही देन सही ,
पर इसी बहाने एक और दिन,
मां को कर लेते याद सभी,
वैसे तो अक्सर ही मुझको
है याद तुम्हारी आ जाती ,
पर याद आज जब तुम आईं
सोचा तुमको लिख दूं पाती !
मां! आज तुम्हें मैं अपने मन की
सच्ची बात सुनाती हूँ,
माता बनने के बाद से ही
मैं तुमको समझ पाती हूँ ,
पीड़ा, आशंका, उलझन सहकर
जो तुमने हमको पाला है
अब उन्हीं सभी भावों से ही
मेरा भी प्रति पल नाता है ,
मां की ममता और स्नेह -त्याग का ,
मोल कौन दे पाया है ,
ममता का पूत यज्ञ- पोषित
यह विश्व यहां तक आया है!!
है परम तुष्टि मुझको इसकी
मैं स्त्री हूं और हूँ माता
कुछ अंश सृष्टि को दे दूंगी
जो जीव मात्र मां से पाता
प्यारी मां!तुम संतुष्ट रहो
तेरा ना दूध लजाऊँगी
मन में जो है ममता अमृत
वह जग को मैं दे जाऊँगी
सादर
तुम्हारी बेटी
माँ
सरोजिनी पाण्डेय्
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