Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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हर जिंदगी की मंजिल तय कर दी खुदा ने

 

हर जिंदगी की मंजिल तय कर दी खुदा ने

बंदे में नहीं ताब जो दूरी को जान ले


जीवन की डगर पर फ़क़त इंसान ही नहीं

सारे परिंदे जानवर हमारे हैं हमसफर


दौड़ो ने इतना तेज कि तुम हांफ़ने लगो

सुनते हैं रब ने दी हैं सांसे गिनी हुई ।


गुर सीख लो छोटे को बड़ा करने का हुजूर

धीमे चलो तो मंजिल लगती है बड़ी दूर


थम थम के चलो आसपास देखते चलो

छोटा सफर भी बेहद रंगीन लगेगा।।




सरोजिनी पाण्डेय्



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