Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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प्रार्थना

 

प्रार्थना  



राहु -केतु से भी बढ़कर ,

यह ग्रह कोरोना आया है ,

केवल रवि -शशि  को नहीं,

वरन नक्षत्रों तक को खाया है,
 
राहु -केतु का संकट तो
कुछ प्रहरों में कट जाता है ,
पर इस मारक ग्रह का संकट
अब वर्षाधिक से छाया है,

पूजा औ'पाठ औ' ,हवन -यज्ञ भी
इसे शमित ना कर पाए ,
गण्डे और ताबीज भी तो
तासीर न इसकी बदल पाए ,

अति दुर्जेय बना यह पापी ,
  रक्तबीज-सा बढ़ता है,
   छिन में तोला छिन में माशा
नित रूप नव्य यह धरता है,

मां जगदंबे !तुम कृपा करो ,
अब इस पापी का नाश करो!,
धरती पर अपनी संतति के
इस संकट को मां बेगि हरो !

हे राम! धनुर्धर तुम अनुपम , 
 धरती का भार तुम्हीं हरते,
क्यों तुमने हमें अनाथ किया,
 पृथ्वी का भार नहीं हरते?

इस पातक के आगे हे प्रभु !
  क्यों तेरा धनु सकुचाया है ?
इस हत्यारे का अंतकाल ,
रघुवर! क्या अभी न आया है??


रक्तबीज की हंता माता !
अब मत देर लगाओ तुम,
हम कुपूत तव विनत खड़े हैं,
कृपा दृष्टि बरसाओ तुम !

राम !उठाओ तव अमोघ शर ,
कोरोना का हनन करो ,
भार धरणि का हरने वाले
एक बार फिर वही करो !!

जय श्री राम. !!!! जय जगदंबा!!!

सरोजिनी पाण्डेय्

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