भूलना मत दीन और ईमान को.
या खुदा दे अक्ल हम इन्सान को.
अमन से सुन्दर है कुछ दूजा नहीं.
प्रेम से बढ़कर कोई पूजा नहीं.
बांटना क्या राम और रहमान को.
या खुदा दे अक्ल हम इन्सान को.
---- सतीश मापतपुरी
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भूलना मत दीन और ईमान को.
या खुदा दे अक्ल हम इन्सान को.
अमन से सुन्दर है कुछ दूजा नहीं.
प्रेम से बढ़कर कोई पूजा नहीं.
बांटना क्या राम और रहमान को.
या खुदा दे अक्ल हम इन्सान को.
---- सतीश मापतपुरी
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