दीपों का त्योहार दिवाली
दीपों का त्योहार दिवाली, ज्योति का आसार दिवाली.
नई उमंगें - नई उम्मीदें, ले आती हर बार दिवाली.
जेठ महीना तन झुलसाता, सावन देता राहत.
अंधियारों से मन घबड़ाता , रौशनी सबकी चाहत.
एक -एक मन को रौशन करने, आती बारम्बार दिवाली.
नई उमंगें - नई उम्मीदें, ले आती हर बार दिवाली.
गीत गति है इस जीवन की, धड़कन है संगीत.
लय साँसें और राग है खुशियाँ, सरगम मन की प्रीत.
यूँ लगती है - यूँ सजती है, हर दिल -आँखों में दिवाली.
नई उमंगें - नई उम्मीदें, ले आती हर बार दिवाली.
ढोल-मजीरा , नाल-पखावज, शहनाई-मृदंग
राग-रागिनी, गायन-वादन , नृत्य-ताल और छंद .
गीत, ग़ज़ल ,कविता सी लगती , है सबको हर बार दिवाली
नई उमंगें - नई उम्मीदें, ले आती हर बार दिवाली.
---- सतीश मापतपुरी
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