तेरे प्यार में दर्द लाखों सहें.
मगर बेवफा तुमको कैसें कहें.
जिन्हें प्यार से तुमने चुमा कभी.
उन्हीं आँखों से गम का दरिया बहे.
अब भी हमें ऐसा लगता अक्सर.
तुम्हीं सामने से चले आ रहे.
टूटे हुए दिल की है ये सदा.
जफा करने वाले सदा खुश रहें.
मापतपुरी की यही एक ख्वाहिश.
किसी मोड़ पे वो ना फिर से मिलें.
------ सतीश मापतपुरी
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY