सदियों से दशहरे में रावण जलाते आये हैं .
विजयोत्सव के रूप में इसको मनाते आये हैं .
आज भी समाज में रावण कई मौजूद हैं .
मापतपुरी हम क्यों उन्हें सर पे बिठाते आये हैं .
---- सतीश मापतपुरी
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सदियों से दशहरे में रावण जलाते आये हैं .
विजयोत्सव के रूप में इसको मनाते आये हैं .
आज भी समाज में रावण कई मौजूद हैं .
मापतपुरी हम क्यों उन्हें सर पे बिठाते आये हैं .
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