तुम्हारे नाम की ऐसी हंसी एक शाम कर देंगें .
रहोगे बेखबर कैसे तुम्हें बदनाम कर देंगें .
मोहब्बत में दिलों को हारने वाले बहुत होंगे .
मगर दिल चीज़ क्या हम ज़िन्दगी तेरे नाम कर देंगें .
तेरा दावा है तेरा संग दिल हरगिज़ ना पिघलेगा .
हमारी जिद्द है कि एक दिन तुम्हें गुलफाम कर देंगे .
सुना है प्यार से मेरा नाम लेतो हो अकेले में .
यकीं होता नहीं की आप भी ये काम कर देंगें .
वफ़ा मापतपुरी मिलती है अब ग़ज़लों में - शेरों में .
मगर हम बेवफ़ा कैसे तुम्हें ऐलान कर देंगें .
-सतीश मापतपुरी
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