मोकौं दिलासा दीहो काहे
मोकौं न कोई आस हय
काहे दिखाये मोकौं रे दुनिया
मोकौं न कोई प्यास हय
दिल ही दिल में मारत फिरता
कहाँ खोया विश्वास हय
ढूँढ़े न बंदा दिल के अंदर
जाने न काहे उदास हय
सृष्टि सारी,जग यह पूरा
रुपया का सब दास है
जो है किनारे बंसी लिये,बस
सुख के वहीँ पर वास हय
मोह-माया में फँसता गया जो
उसका जीवन नाश हय
जिसने मुक्ति पायी इससे
चले उसी का स्वास हय
तुमने ओ बंधु जाना इसे तो
युक्ति भी तेरे पास है
वरना ओ बंधु तुम भी बँधे हो
इसका मुझे विश्वास हय
- सतीश कुमार
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