(1) जेल में जन्म
बंध मुक्त जीवन
जीने की सीख ।
(2) मोहनी छवि
नयन निहारत
नहिं अघात ।
(3) शोर मचाती
गलियों में घूमती
गोविंदा टोली ।
(4) द्वापर युग
एक था शिशुपाल
आज अनेक ।
(5) केवल पांच
फंसा शकुनि जाल
जगत सारा ।
(6) कंस शासन
रूप परिवर्धित
माफिया राज ।
(7) पालनहार
पलने मे निहार
चकित जग ।
(8) कैसे चढाऊँ ?
सपरेटा का दूध
शुध्दता हीन ।
(9) पग पैजन
कमर करधन
मन मोहत ।
(10) श्याम की प्यारी
अधर विराजत
बंशी न्यारी ।
सत्यनारायण सिंह
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