●●●लाज तिरंगें की रहे, बस इतना अरमान ।मरते दम तक मैं रखूँ, दिल में हिन्दुस्तान ।।
●●●
बच पाए कैसे भला, अपना हिन्दुस्तान ।
बेच रहे हैं खेत को, आये रोज किसान ।।
●●●
आधा भूखा है मरे, आधा ले पकवान ।
एक देश में देखिये, दो-दो हिन्दुस्तान ।।
●●●
सरहद पर जांबाज़ जब, जागे सारी रात ।
सो पाते हम चैन से, रह अपनों के साथ ।।
●●●
हम भारत के वीर हैं, एक हमारा राग ।
नफरत गैरत से हमें, जायज से अनुराग ।।
●●●
खा इसका, गाये उसे, ये कैसे इंसान ।
रहते भारत में मगर, अंदर पाकिस्तान ।।
●●●
भारत माता रो रही, लिए ह्रदय में पीर ।
पैदा क्यों होते नहीं, भगत सिंह से वीर ।।
●●●
भारत माता के रहा, मन में यही मलाल ।
लाल बहादुर-सा नहीं, जनमा फिर से लाल ।।
●●●
मैंने उनको भेंट की, दिवाली और ईद ।
जान देश के नाम जो, करके हुए शहीद ।।
●●●
घोटालों के घाट पर, नेता करे किलोल ।
लिए तिरंगा हाथ में, कुर्सी की जय बोल ।।
●●●
आओ मेरे साथियों, कर लें उनका ध्यान ।
शान देश की जो बनें, देकर अपनी जान ।।
●●●
-- सत्यवान 'सौरभ',
रिसर्च स्कॉलर, कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, आकाशवाणी एवं टीवी पेनालिस्ट,
333, परी वाटिका, कौशल्या भवन, बड़वा (सिवानी) भिवानी, हरियाणा – 127045
मोबाइल :9466526148,01255281381
(मो.) 01255-281381 (वार्ता)
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY