उसने चहकते हुए पुछा-
“तो तुम कवि हो
किस रस के ?
किस छन्द के ?
किस ताल के ?
किस काल के ?”
मैंने कहा-
“मै उस समय का कवि हूँ
जब लड़की के हाथ में
‘फोटो’ रख ‘प्यार’ करने को कहा जाता है
और उसके मन करने पर
उसे चूल्हे में झोंक दिया जाता है ||”
उसने पुछा- “फोटो को ?”
वो हंस रही थी ||
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