Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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मोहब्बत (बाल कविता)

 

जब आपने कह दिया है तो क्यों रुकेंगेकिसी के सामने हम अब क्यों झुकेंगे ।
मोहब्बत किया है हमने, कोई चोरी नहीमरे सारी दुनिया परन्तु हम क्यों मरेंगे ।
दिल में उसे बसाया है सच में सौरभ भूलें सारी दुनिया पर उसे नही भूलेंगे
डर नही किसी का भी अब मोहब्बत में मोहब्बत किया है तो पूरा करके छोड़ेंगे ।
वायदा किया है उससे सातों जनम का तो साथ ही जिएंगे और साथ ही मरेंगे ।
हम वो मौसम नही की साल में एकबार आएअब किया है मोहब्बत तो हरसंभव निभाएँगे

सौरभ कुमार ठाकुर (बालकवि एवं लेखक)मुजफ्फरपुर, बिहारमो0- 8800416537

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