Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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Shailendra Deepak Patel

 

पराक्रम शौर्य था जग में वतन ऐसा ये अपना था ।

यहां पर थे भगत शेखर शिवा राणा भी अपना था ।

मगर अब क्यों नहीं है बल युवाओं में यहां वैसा ।।

जमाना ये भी अपना है जमाना वो भी अपना था।

। हमें आशीष मिलता है सदा हम प्यार पाते हैं ।।।

भारत मां के चरणों में सदा हम सर झुकाते हैं। ।

मगर हम चाहते उन सपूतों की करें पूजा।

जननी के लिए हंस कर जो अपना सर कटाते हैं

 

 

 

 

Writen by Shailendra Deepak Patel

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