उमा के आदर्श
कैलाशपति उमा के अनुपम आदर्श
महिमा शाली भोलेनाथ शिव वही है,
रूद्ररूपक कालकूट से नीलकण्ठाय
पंचदेवों में प्रधान व्यास मुनि कही है।
शिव महापुराण सात सात संहिताएं
चौबीस सहस्र श्लोक गूंजते न थकते,
यह आदि मध्य अन्त प्रकृतिदेवी पति
शिवशंभू महेश सब काल भय रखते।
बिल्वपत्र धतूरा भांग कर्पूर अतिप्रिय
रुद्राक्ष चंदन अक्षत जल प्रिय इन्हें हैं,
त्रिशूल बज्र सर्प घण्टा पिनाक भस्म
पाश टंका कृपाण बहुत भाते इन्हें हैं।
त्यागतपस्या करुणामूर्ति सदाशिव हैं
चौसठयोगिनी मातृकाएं भैरवशिव हैं,
गणेश कार्तिकेय पार्वती नन्दीपरिवार
अजन्मास्थिराय सहस्राय महाशिव हैं।
केदार से रामेश्वर सात मठ एकांशी
भस्मासुर को वर कामभस्म करते हैं,
त्रिशूल बसी काशी दक्ष यज्ञ विनाशी
चन्द्रशेखर त्रिनेत्री भक्त हित लड़ते हैं।
जटाधारी सोमाय चन्द्राय प्रभु यही हैं
मन्त्रायप्रमाणाय पवित्राय प्रभु यही हैं,
कालों में महाकाल भक्त के लिए भोले
ओम से प्रसन्न बाघम्बराय भी यही हैं।
मौलिक स्वरचित प्रकाशन हेत
शशांक मिश्र भारती हिन्दी सदन बड़ागांव शाहजहांपुर 242401 उ0प्र0
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