Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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बसन्तऋतु

 

बसन्त
आने पर जिसके
करते हैं विभिन्न क्रीड़ाएं मोर
अपनी सुन्दर क्रीड़ाओं से
छोटे खग-fogग भी करते हैं मधुर शोर
कोमल पंखुड़ियों व नूतन पुष्पों पर
मंडराते हैं मधुकर
और-
मुग्ध हो जाते हैं सभी जन
तेरा सौंन्दर्य देखकर
हे बसन्त ऋतु!
प्यारी सुगन्ध ऋतु।

 

 

 

शशांक मिश्र ’भारती’

 

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