बिजली रानी आकर तुम
सुन्दर चमक दिखाती हो
कभी-कभी नखरे करती
गुस्सा हमें दिलाती हो
पलके झपकते आजाकरके
बोलो-क्या बतलाती हो?
नन्हा सा सूरज लगती तुम
जब प्रकाश फैलाती हो।।
शशांक मिश्र ’भारती’
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बिजली रानी आकर तुम
सुन्दर चमक दिखाती हो
कभी-कभी नखरे करती
गुस्सा हमें दिलाती हो
पलके झपकते आजाकरके
बोलो-क्या बतलाती हो?
नन्हा सा सूरज लगती तुम
जब प्रकाश फैलाती हो।।
शशांक मिश्र ’भारती’
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