Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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चुनावी क्षणिकाएं

 

1
उनके-
आते ही ज्योतिषी भी भागते हैं,
शायद भविष्य भी
आश्वासनों से आँकते हैं।

2-
वे-
नेता जी को देखकर
दूर से ही चिल्लाये-
मैं हंू पहले ही मरा
अब न सताएं।

3-
इस देश का हर नेता
सदैव से सिद्धान्त वादी रहा है ,
परिणाम-
गरीब हुआ गरीब
अमीर-अमीरता का आदी रहा है।

4-
वे-
वह कीड़े हैं
जो स्वार्थ खाता है ,
पचाकर सभी कुछ सिर्फ-
अँगूठा ही दिखाता है।

5-
वे-
अपने हित एक कम्पनी
लगाए हैं,
जहां पर जनता की
खाल उतरवायी जाती है।

6-
वे-
दौड़ाते हैं प्रत्येक क्षण
अक्ल के घोड़े
मुद्दों का रूप दे-
सत्ता के पीछे।

7-
वे-
प्रत्येक कार्य नीति से करते,
क्या हो-
राज मे नीति को परे हैं
जो रखते।

8-
उन्होंने-
अपनी स्मरण शक्ति का परिचय दिया
जब-
जनता से हुई भेंट को
स्वप्न समझ लिया।

9-
वे-
चाहते हैं देश मे
सभी कुछ मेरा हो,
लेकिन-
घाट तक पहंुचाने का अधिकार
तेरा हो।

10-
वे-
ऐसी तरणी पर आसीन,
चहंु ओर जिसके
भ्रष्टाचार पदासीन।

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