नन्हीं गुड़िया कहती मुझसे
एक कहानी सुनाओं ना
नाना.नानी जो कहते हैं
अब मुझे बतलाओ ना
कम्प्यूटर ईमेल जगत में
सारा ज्ञान कराओं ना
अन्तरिक्ष उपग्रह क्या है
धीरे.धीरे समझाओ ना
प्हले हमारे देश के राजा
क्या अन्तरिक्ष में जाते थे
अग्नि पृथ्वी त्रिशूल से
मिसाइल वह अपनाते थे
पापा कहां से जाते थे
राक्षसों को मारने ही
क्या प्रभु अवतारी आते थे
हमारा देश गुलाम हुआ
कैसे है बतालाओ ना
कैसे फिर आजाद हुआ
पापा मुझे सुनाओ ना
मैं नन्हीं सी गुड़िया हंू
बातों से लगती बुढ़िया हंू
पापाजी अधिक सताओ ना
देश की बातें बताओ ना
अब तो मैं ना मानूंगी
सब कुछ ही मैं जानूंगी
आप नहीं कौन सुनाएगा
हम कौन थे बतलाएगा
आप ही सब समझाओ ना
एक कहानी सुनाओ ना।
शशांक मिश्र ’भारती’
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