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फिर सुनायी नानी ने कहानी

 

शशांक मिश्र भारती

 


कई दिनों के बाद आज फिर शिवानी जिद कर रही थी कहानी सुनाने के लिए,  

नानी! ओ नानी!! सुनाओ न कहानी, कब तक टालती रहोगी,

अरे! बेटी, अभी सुना रही हंू। क्यों अधिक परेशान कर रही हो। नानी ने शिवानी को शान्त करते हुए कहा,

बेटी, नहीं मान रही हो , तो सुनो कहानी- आसमान में बहुत से तारे तो तुम रात में देखती ही होगी। कैसे झिलमिल -झिलमिल करते हैं। यदि चन्द्रमा न हो , तो फिर क्या कहने।

-हां सो तो है नानी, झिलमिल-झिलमिल नभ में करते चन्दा और सितारे, भारत मां की गोदी में यह और भी लगते प्यारे। इनके बारे में विस्तार से बतलाओ ? शिवानी ने पूछते हुए कहा,
बेटी, गीत तो बड़ा अच्छा सा सुनाया; आगे सुनो- ‘‘रात में चमकने वाले इन अनगिनत तारों के समूह को हमारे भूगोल वेत्ताओं ने सौर परिवार नाम दिया है।जिसका मुखिया सूर्य है।यह सभी तारे उसके चारों ओर चक्कर लगाते रहते हैं। इन तारों के समूह को ग्रह कहते हैं।

यह ग्रह क्या होते हैं और यह कितने हैं। शिवानी ने बीच में ही बोलते हुए कहा,

सुनो- यह ग्रह सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने वाले हैं और अपने सौर परिवार में कुल नौ ग्रह हैं।वैसे तो हम आसमान में असंख्य तारे टिम -टिमाते हुए देखते हैं। किन्तु हमारे सौर परिवार में परिवार के मुखिया से दूरी के क्रम में बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, वृहस्पति, शनि, अरुण, वरुण और यम नाम दिये गये हैं। जिनमें बुध सूर्य से सबसे पास का ग्रह हैं तथा यम सबसे दूर का ग्रह हैं। नानी ने बतलाया,

अच्छा नानी, चन्द्रमा के बारे में तो आपने बताया ही नहीं; जरा उसके बारे में तो बतलाओ, शिवानी ने पूछा।

शिवानी बेटी चन्द्रमा ग्रह न होकर धरती मां का एक उपग्रह है। जिस प्रकार सभी ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हैं।ठीक वैसे ही चन्द्रमा हमारी पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाता रहता है।इसका एक बार का चक्कर 27 दिन मे पूरा होता है, जिसे चन्द्र मास भी कहते हैं।हालांकि इसको चमकने के लिए प्रकाष सूर्य से ही मिलता है। नानी बोली,

शिवानी की जिज्ञासा और बढ़ी ; उसने कहा, नानी सब कुछ तो आपने बतलाया परन्तु एक प्रश्न अभी भी मेरे मन में है।

क्या है बेटी, पूछो...............

नानी, हमारी भूगोल की किताब में पृथ्वी को अनोखा ग्रह क्यों कहा गया है?

बेटी, पृथ्वी अनोखा ग्रह इसलिये है, कि इसके अलावा दूसरे किसी और ग्रह पर जीवन नहीं है। न ही हवा और पानी।

तुम तो जानती ही हो, कि हवा-पानी का क्या महत्व है। यदि हम लोगों को कुछ समय ही न मिले तो जीवित रहना असंभव होगा।

शेष बातें फिर कभी रात काफी हो चुकी है। नानी ने कहानी समाप्त करते हुए कहा,




 

शशांकक मिश्र भारती

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