पांच हाइकुः-
शशांक मिश्र भारती
1-
मिशन तब
कमीशन है अब,
जन्मदिवस।
2-
भूले विचार
कल के अनुयायी,
सत्ता के यार।
3ः-
बुधुआ घर
भारत आके सोता,
इण्डिया नहीं।
4ः-
याद करते
अपने- अपनों की
न नींव की ईंट।
5ः-
जनता नंगी
दावों का खोखलापन,
मांगती भीख।
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