Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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नन्हा मुन्ना

 

 

nanha munna

 

 

नन्हा सा मेरा मुन्ना
सुबह-सुबह उठ जाता है
करता नमस्ते हाथ जोड़कर


सबको शीश नवाता है
उछल कूद करता घर में
किसी को न सताता है
तुतलाकर जब बोलता
सबको ही भा जाता है
टाफी-बिस्कुट नहीं मांगता
दूध-दूध चिल्लाता है
मम्मी को जब आता देखे
ठुमक-ठुमक भग जाता है।।

 

 

शशांक मिश्र ’भारती’

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