छुक-छुक कर रेल चली
प्यार सी भइया मेल चली,
सोनू-मोनू को बिठाकर
सीटी बजाकर रेल चली।।
शशांक मिश्र ’भारती’
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छुक-छुक कर रेल चली
प्यार सी भइया मेल चली,
सोनू-मोनू को बिठाकर
सीटी बजाकर रेल चली।।
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