Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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रेल चली

 

 

rail

 

 

छुक-छुक कर रेल चली
प्यार सी भइया मेल चली,
सोनू-मोनू को बिठाकर
सीटी बजाकर रेल चली।।

 

 

शशांक मिश्र ’भारती’

 

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