Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

राष्ट्र की पहचान

 

हर राष्ट्र की एक पहचान है
राष्ट्रगीत ध्वज और गान है
जिसको फहराते सबलोग है
लुटाते जनजीवन जहान है।
स्वाभिमान गौरव का संकेत
राष्ट्रीय प्रतीक यह होते हैं
संस्कृति चेतना के अमर दूत
हम रक्त पिला पिला सेते हैं
इनके लिए हैं प्राणनिछावर
तन मन और धन कुर्बान है
हमारी यह अनुपम निधि
यह ही हमारी पहचान हैं।।

 

 

शशांक मिश्र ’भारती’

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ