हर राष्ट्र की एक पहचान है
राष्ट्रगीत ध्वज और गान है
जिसको फहराते सबलोग है
लुटाते जनजीवन जहान है।
स्वाभिमान गौरव का संकेत
राष्ट्रीय प्रतीक यह होते हैं
संस्कृति चेतना के अमर दूत
हम रक्त पिला पिला सेते हैं
इनके लिए हैं प्राणनिछावर
तन मन और धन कुर्बान है
हमारी यह अनुपम निधि
यह ही हमारी पहचान हैं।।
शशांक मिश्र ’भारती’
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