Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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सन्देश

 

कश्मीर की सुनसान राहें
धार्मिक स्थल और इमारतें
कब तक आंसू बहायेंगी
आखिर-
एक दिवस तो-
देश की प्राचीन संस्कृति का संदेश लेकर
भूले हुए पथिक-
जो शान्ति का पथ छोड़ जी रहे हैं
ईष्र्या,द्वेष,घृणा और हिंसा के सहारे
वे नवयुवक-
नफरत को त्याग
अपने आदर्शों से देश में
आशा का दीप प्रज्ज्ववलित करेंगे
और-
अपने जीवन रस की हरियाली से
समाज को हरा-भरा कर देंगे
उनके आदर्शों से
फिर खिलेंगे-
समाज में विकास के नव पुष्प
जिस पर-
इठलाएंगे प्रगतिरूपी मधुकर
जिससे ही
नूतन विकास की किरणें पायेगा समाज
समाज से प्रदेश और-
प्रदेश से देश
यही होगा देश की
प्राचीन-सभ्यता-संस्कृति का सन्देश।

 

शशांक मिश्र ’भारती’

 

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