हम-हम -
हिन्दी प्रेमी हिन्दुस्तानी
हिन्दी के प्रति क्यों
कत्र्तव्य भुलाये
जब
समस्त राष्ट्रों की अपनी भाषायें
फिर हम क्यों
विदेशी अपनायें
क्या
न्हीं हैं अपनी भाषा सक्षम
जिसको कि -
हम सभी अपनायें
फिर
क्यों बैठे हो शान्त चित्त
उठो-
जागो बढ़ो अपने कत्र्तव्य की ओर
और
लेकर के संकल्प
हिन्दी को अपनाओ
संघर्ष करो
हिन्दी को अपनाओ
हिन्दी को उसका स्थान दिलाओ
और -
प्रारम्भ हुए राष्ट्रभाषा
स्वाभिमान यज्ञ को
अपने
सद्कार्यों से सफल बनाओ।
शशांक मिश्र ’भारती’
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