इस पुण्य भूमि पर आकर के
सार्थक स्वप्न किये हम सबके
पधारे आज आप अतिथि बनके
स्नेह युक्त मधुरिम वाणी से
हे अभ्यागत आपका स्वागत है
हे अतिथि आपका स्वागत है
आपके आने से खुशियां छाईं
मन खिले बगिया मुस्कराई
गाते न थकते हम हैं बधाई
अतिथि आपको बधाई हो बधाई
हे अतिथि आपका स्वागत है....
फूलों के खिलने तक आते रहें
अपना स्नेह यूं ही लुटाते रहें
आपका आना अच्छा लगता
मधु माधुर्यता आप बरसाते रहें
हे अभ्यागत आपका स्वागत है!
पूज्य अतिथि आपका स्वागत हैं!!
शशांक मिश्र ’भारती’
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