Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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बिल्ली

 

 

शशांक मिश्र भारती के बालगीत
बिल्ली
आज रात को मेरे घर में
चुपके से घुस आयी बिल्ली
म्याऊं.म्याऊं कर शोर मचाया
घर से नहीं है जाती बिल्ली
वह बार.बार गुर्राती है
इधर.उधर भग जाती है
जब आंखों पर डालूं रोशनी
आंखें तारों सा मटकाती है
बहुत बड़ी नटखट यह
जो बिन बुलाये आजाती है
परेशान सबको कर देती
कहां जाने छुप जाती है।

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