“अरे जल्दी जल्दी इसे तैयार करो .. लड़के वाले बस आते ही होंगे .. सुना है लड़का एक बड़ी कंपनी में काम करता है .. अगर यहाँ बात बन गयी तो अपनी रिती बहुत खुश रहेगी ” …. चहकते हुए मीना जी रिती की सहेलियों को बोल रही थी .
श्रुति — अरे माँ .. जीजाजी कंपनी में काम नहीं करते .. बल्कि वो कंपनी उनकी है , वो वह के मालिक है .
मीना — अच्छा .. तो फिर क्यों उन्होंने 2 बार आने से मना कर दिया था .. की कंपनी में बहुत सारा काम है . नहीं आ सकते हैं .
श्रुति –अरे माँ .. वो कंपनी के मालिक है , फिर भी काम तो करते ही है न .. और कुछ काम को बस मालिक ही कर सकते हैं .
मना — है चल ठीक है .. ठीक है , तू रिती पर ध्यान दे .. करन बाबू को हमारी बेटी पसंद आ जाये बस .
मीना वह से उठकर , और कामो का जायजा लेने चली गयी .. रिती बेचारी चुपचाप बैठी थी .. उसको आज अपनी सजावट से ज्यादा , करन के आने का इंतज़ार था ..
अभी तक उसने करन का फोटो नहीं देखा था .. नहीं वो देखना चाहती थी .. उसे तो बस करन का इंतज़ार था .. ताकि वो अपनी बात कर सके .
कई बार वो बोलकर नहीं आ पाया था .. करन ने रिती को तीन बार तैयार कराया .. आज ये तीसरी बार था , उसके घर वाले .. बाकी सब लोग रिती को पसंद करने लगे थे .. वो बस रिती को ही अपनी बहु बनाना चाहते थे .
लेकिन कोई भी करन की मर्जी के खिलाफ कुछ नहीं कर सकता था .. जब पहली बार करन के घरवाले आये थे .. उन्होंने रिती को देखते ही पसंद कर लिया था .. लेकिन करन का वेट होता रहा , वो नहीं आया .
दूसरी बार करन की बहन भी साथ आयी थी .. शालू , बहुत प्यारी करन से शायद 2 साल छोटी थी .. घर में करन की सबसे प्यारी थी .. करन के बाद उसी की हुकूमत चलती थी घर में .
उस दिन भी करन के न आने से .. मीना को जो बुरा लगा .. उसने सुना दिया था , सबको लेकिन शालू ने सबकी बोलती बंद कर दी थी .
****उस दिन ****
सब लोग हॉल में बैठे थे , शालू तो जैसे .. घुल गयी थी बिलकुल रिती के साथ .. कभी ये तो , कभी वो वैसे भी .. वो थी तो एक डैम बातूनी , और बात जब उसकी भाभी चुनने की थी तो …
फिर तो पूछो ही मत , खेल से लेकर सिनेमा तक .. टेक्नोलॉजी से किचन तक , कोई टॉपिक उसने छोड़ा नहीं .. लेकिन रिती भी एक डैम टाइम के साथ चलने वाली लड़की थी .. जब शालू को पूरी तसल्ली हो गयी , की हां ये लड़की उसकी भाभी बन सकती है .
शालू — माँ .. आई हेव फाइनलिज़्ड .. मेरी भाभी जैसी होनी चाहिए , बिलकुल वैसी भाभी मुझे मिल गयी .. जो मेरी सबसे अच्छी दोस्त बन सकती है .. अब भैया की नहीं चलेगी , उन्हें भाभी को हां करना पड़ेगा .
शैलकान्ता — है है बीटा .. हमे भी रिती पहली ही बार में पसंद आ गयी थी .. अब पूछ अपने भैया को कब तक आ रहा है वो .
शालू — ोकक मैं फ़ोन करती हु ..
शालू अपना फ़ोन लेकर बाहर की तरफ चली गयी .. वह मीना और शैल बैठकर बातें करने लगे .. कुछ देर में शालू आकर बोली …
शालू — माँ .. भैया नहीं आ पाएंगे , उन्हें फिर कुछ काम लग गया है .
इतना सुनते ही मीना के जैसे दिल को आग लग गयी .. वो एक दम से चिल्लाते हुए बोली …
मीना — ये क्या लगा रखा है .. अपने और आपके बेटे ने , हर बार मेरी बेटी को देखने आने का बोलकर .. आपका बेटा आता नहीं है , क्या समझते हो आप लोग अपने आपको .
मेरी बेटी के ज़ज़्बातों के साथ खेलने का हक़ आपको किसने दिया .. एक बार का ठीक है , चलो कुछ काम होगा .. लेकिन आज फिर , अगर काम से इतना ही प्यार है तो काम से शादी करले .. और वैसे भी मुझे भी अपनी बेटी की शादी .. ऐसे इंसान के साथ करनी है जो उसे प्यार करे काम को नहीं …
और लगता है , आपके बेटे के पास टाइम ही नहीं है .. दूसरों के लिए , तो फिर वो कैसे मेरी बेटी का ख्याल रखेगा …
शालू — बस बहुत हो गया आंटी जी .. अब मैं अपने भैया के खिलाफ एक शब्द नहीं सुनूंगी .. क्या कहा आपने , मेरे भैया के पास टाइम नहीं है .. दूसरों के लिए , अरे वो सिर्फ दूसरों के लिए ही जीते हैं .
आपको पता है , आज वो क्यों नहीं आ पाए .. क्यूंकि रास्ते में एक एम्बुलेंस खराब हो गयी थी .. तो वो उस को लेडी जो प्रेग्नेंट थी , अपनी गाडी में हॉस्पिटल लेकर चले गए .. इसलिए वो भाभी को देखने नहीं आ पाए .
अजीब थी शालू भी , मीना रिश्ता तोड़ने की बात कर रही थी .. और वो फिर भी रिती को सिर्फ भाभी कहकर ही बुला रही थी .. उसकी बात सुनकर , एक बार को मीना भी चुप हो गयी .
शालू , रिती के पास आयी .. उसने रिती के हाथो को अपने हाथों में ले लिया .. फिर वो रिती से बोली .
शालू — भाभी .. पता है मेरे भैया हमेशा कहते है .. की कोई भी काम होता है तो उसका इफ़ेक्ट किसी और जगह जरूर होता है .. आज शायद किस्मत में आपका मिलना नहीं था या आपको …
अगली बार में खुद भैया को लेकर आयूंगी .. लेकिन प्लीज आप अपना दिल मत दुखाना , भैया की तरफ से .. में आपसे माफ़ी मांगती हु .. वो दिल के बहुत अच्छे है , आप ही मेरी भाभी बनोगी .
मीना ने भी शालू से माफ़ी मांगी .. या यूँ कहो की शालू ने ज़बरदस्ती मंगवा ली .. खैर उन सब लोगों की विदाई के बाद .. घर का माहौल एक दम नार्मल हो गया .. अगले दिन सुबह सुबह रिती की फ्रेंड .. कोमल का फ़ोन आया …
कोमल — हेलो .. रिती , कहा है तू .. जल्दी से मुझे तेरे घर के पास वाले कैफ़े पर मिल .. एक बहुत ज़रूरी बात करनी है .
रिती — ऐसी भी क्या जरूरी बात है .. जो तू फ़ोन पर नहीं बता सकती …
कोमल — अब से 10 मिनट में आकर मिल जल्दी से मुझे .. ओके बाई .
कोमल ने फ़ोन काट दिया .. रिती भी सस्पेंस में आ गयी .. आखिर ऐसी क्या बात है , वो कोमल से मिलने चल दी .. कोमल उसकी सबसे अच्छी दोस्त थी .. उन लोगों ने साथ में ही दिल्ली से पढ़ाई की थी …
एक ही शहर की होने की वजह से दोनों की दोस्ती हुयी थी .. कैफ़े पर पहुँच कर उसने कोमल को फ़ोन किया .. उसने उसे अपनी टेबल पर बुलाया …
वह पहुंचकर , रिती ने कोमल से कहा ..
रिती — ऐसी क्या बात थी , जो तूने मुझे इतना जल्दी बुलाया .. कही बॉयफ्रेंड तो नहीं मिल गया , हम्म …
कोमल — है बॉयफ्रेंड ही मिल गया है .. लेकिन मेरा नहीं तेरा , समझी ..
रिती– व्हाट .. क्या बोल रही है , पागल हो गयी है क्या ..
कोमल — पागल तो तू हो जाएगी , मेरी खबर सुनकर .. तुझे वो लड़का याद है .. KD ..
रिती — KD .. वो दिल्ली वाला …
कोमल — हा .. हा वही दिल्ली वाला KD .. पता है वो अब यहाँ है , मुंबई में .. कल ही मैं उससे मिली थी .
रिती — सच यार .. तू कहा मिली उसे , और कैसे ..
कोमल — कल मॉल में मिली थी उसे .. किसी लड़की के साथ था , शॉपिंग कर रहे थे दोनों .. मैंने उसे आवाज दी तो उसने मुझे पहचान लिया ..
कल टाइम नहीं था , तो ज्यादा बात नहीं कर पाए हम .. बूत मेरा नंबर लिया है उसने , शायद कॉल करले …
रिती — ओह्ह गॉड .. तू भी तो उसका नंबर ले सकती थी .. यार तू भी न , सच में एक दम डुम्बो है …
कोमल — हेलो मैडम .. उसने मुझसे नंबर माँगा , अब मैं क्या बोलती नहीं तुम अपना नंबर देदो .. बात करती है , क्या समझता वो ..
रिती — अच्छा चल ठीक है .. अब उसका फ़ोन आएगा या नहीं ..
कोमल — क्या पता .. मे बी शायद आ ही जायेगा …
रिती उससे बात करने के बाद वापस घर आ गयी .. लेकिन एक बिछड़ी हुयी याद , आज फिर उसके सामने आ गयी थी .. एक ऐसी याद जिसके लिए , वो काफी तड़पी थी .. रिती बीएड पर लेट गयी , और अपनी उन्ही पुराणी यादों में खो चली ..
***4 साल पहले ***
कॉलेज का पहला दिन था .. घर से बाहर आकर , पहली बार रिती पढ़ाई कर रही थी .. हालाँकि वो यहाँ अपने अंकल के घर रह रही थी .. फिर भी एक अनजान शहर के अनजान कॉलेज में पहला दिन …
रिती कॉलेज में एंटर करके आगे बढ़ी .. तभी एक लड़की उससे आ कर टकराई .. वो कोमल ही थी , कोमल ने रिती को सॉरी बोला..
कोमल — आई ऍम सॉरी .. वो मेरा ध्यान थोड़ा उधर था .. वैसे मेरा नाम कोमल है .. मुंबई से ..
रिती — इट्स ओके .. आई ऍम रिती , मैं भी मुंबई से ही हु .. सेंट्रल CST से ..
कोमल — अरे वाओ .. मैं भी वही से हूँ , हम तो पडोसी निकले यार .. चलो चलते है , तुम्हे बाकी फ्रेंड्स से मिलाती हूँ.
कोमल ने रिती को बाकी फ्रेंड्स से मिलाया उसके बाद .. वो लोग क्लासेज वगैरह करने लगे .. पहला दिन उसका अच्छे से गुज़र गया ..
नेक्स्ट डे , रिती कॉलेज के लिए कुछ लेट हो गयी थी .. वो जल्दी क्लास की तरफ जा रही थी , वो इतनी जल्दी में थी की .. क्लास में घुसते ही बाहर आ रहे एक स्टूडेंट से टकरा गई .. वो गिरने ही वाली थी की तभी उसे उस लड़के ने पकड़ लिया …
अजब दृशय बन गया था .. जैसे कोई फिल्म चल रही हो .. रिती पीछे पीठ के बल गिरने को थी और उसे बाहों में .. थामे खड़ा था , वो लड़का .. क्लास में तालियां और सीटियां बजने लगी ..
तब उन्हें होश आया , उसने रिती को सीधा खड़ा किया .. किताबे उठाते हुए भी दोनों की निगाहें मिल ही गयी .. रिती की तो नज़रें झुक गयी , लेकिन वो लड़का .. तो उसे जाते हुए भी देखता रहा ..
उस दिन के बाद , क्लास हो या कैंटीन .. चाहे वो अपनी फ्रेंड्स के साथ पार्क में बैठी हो .. दो आंखें हमेशा उसे देखती रहती थी .. वो लड़का था KD, देखने एक दम क्यूट .. लेकिन सीधा साधा लड़का ..
उसे शायद रिती से प्यार हो गया था .. लेकिन रिती तो एक दम मॉडर्न लड़की थी .. उसे भी एहसास हो गया था की KD उसे चाहता है .. लेकिन वो जानबूझकर उसे इग्नोर करती थी ..
लेकिन अपनी फ्रेंड्स के साथ मिलकर छुप छुपकर उसे छेड़ती भी खूब थी .. रिती को उसकी आँखों में हमेशा प्यार नज़र आता .. और उसके चेहरे पर मासूमियत , जिसकी वजह से वो उसे …
उसे हमेशा तड़पती रहती , लेकिन अब उसे जैसे उन नज़रों की .. आदत सी लग गयी थी , जब भी वो KD को न देखती तो बैचैन हो जाती थी .. काफी दिनों तक यही चलता रहा .. फिर एक दिन , रिती रेसस्स टाइम में कोमल के साथ बैठी थी ..
तभी वह पर , KD आया .. उसने आकर रिती की तरफ देखा .. लेकिन रिती को तो उसे तड़पाने में मज़ा आता था .. उसने उसे इगनोर कर दिया .. KD ने ही बात शुरू की … लेकिन कोमल वहा से थोड़ा अलग हो गयी ..
KD– रिती .. तुम मेरा नाम तो जानती हो न ..
रिती — नहीं .. क्या नाम है तुम्हारा (एक दम अनजान बनते हुए )..
KD– मुझे सब लोग KD कहते है …कक्क ..
रिती — नाम में क्या है .. आपको क्या काम है .. आप वो बताईये …
KD– जी वो …
तभी रेसस्स बेल्ल बज गयी .. रिती उसकी बात को बिच में ही छोड़कर चली गयी …
रिती — अभी हम चलते हैं .. बाद में बात करेंगे …
वो शायद आखिरी दिन था जिस दिन .. KD को देखा था , रिती ने .. उस दिन के बाद वो कॉलेज तो आती रही .. लेकिन उसे कभी फिर KD नहीं दिखा , न ही उसकी वो प्यार भरी आँखें …
“रिती .. रिती , उठो बेटा .. कब तक सोयोगी , शाम के 5 बज गए हैं .. सुबह से सो रही हो , तबियत तो ठीक है न तुम्हारी ” …. मीना ने रिती को उठाते हुए कहा …
रिती ने उठकर देखा बाहर शाम हो गयी थी .. वो उठकर बाथरूम में फ्रेश होने चली गयी .. जब वापस आकर फ़ोन उठाया तो देखा कोमल की 5 मिस कॉल पड़ी हुयी थी ..
उसने जल्दी से उसे कॉल बैक किया .. फ़ोन उठाते ही कोमल उस पर चिल्लाने लगी …
कोमल — कहाँ थी अब तक , कबसे फ़ोन कर रही हूँ .. सो रही थी क्या …
रिती — हा यार .. सो ही गयी थी , आज इतने दिनों बाद फिर से कॉलेज के वो दिन याद आ गए थे …
कोमल — अरे अब याद करने का वक़्त नहीं है .. उन्हें वापस जीने का वक़्त है .. तुझे पता है KD का फ़ोन आया था ..
रिती — सच क्या बोला वो .. केसा है वो , तूने नंबर लिया न उसका इस बार .. अरे वो तो तेरे फ़ोन में ही आ गया होगा .. मुझे भी उसका नंबर दे .. अच्छा उसने मेरे बारे में कुछ पूछा …
“बस .. बस .. बस .. अब मेरी भी बात सुन ” …. कोमल ने उसकी बातों को रोकते हुए कहा ..
कोमल — देख उसका नंबर तो तुझे नहीं मिल सकता है .. क्यूंकि वो प्राइवेट नंबर से कॉल किया , पता नहीं चलता .. और रही तेरी बात , तो उसने तेरे बारे में कुछ नहीं पूछा …
कोमल की बात सुनकर रिती को बुरा लगा .. उसका सारा एक्ससिटेमेंट , तुरंत गायब हो गया .. लेकिन कोमल बोली …
कोमल — लेकिन .. उसकी बातों से लग रहा था , की तेरे बारे में बहुत कुछ पूछना चाहता था …
रिती — सच में .. क्या बोला ऐसा वो …
कोमल — मैंने उसका कॉल रिकॉर्ड किया है .. अभी भेज रही हूँ , सुन लो आराम से …
कोमल ने फ़ोन काट दिया .. रिती उसके ऑडियो का इंतज़ार करने लगी .. जैसे ही ऑडियो रिसीव हुआ .. डाउनलोड करके रिती उसे सुनने लगी …
कोमल — यस .. KD, हा हम तो ठीक है .. तुम बताओ , तुम तो कॉलेज से गायब हो गए थे एक दम ..
KD– आई ऍम आल्सो फाइन .. कॉलेज से गायब का तो वो , कुछ हालत ही ऐसे हो गए .. जाना पड़ा , इसके चलते शायद बहुत अपने पीछे छूट गए …
कोमल — हम्म .. हम सभी कांटेक्ट में थे .. बूत तुम्हारा ही कुछ पता नहीं था , आज तुम भी आ गए .. कांटेक्ट में …
KD– कोमल .. क्या तुम सभी फ्रेंड्स , कांटेक्ट में हो .. जो उस टाइम वहा थे , तुम्हारी सभी फ्रेंड्स …
कोमल — हा .. हम सभी लोग कांटेक्ट में हैं .. इन्फेक्ट कॉलेज के बाद कई बार मीट भी हुआ है .. सबका , ज्यादातर सब आते भी है …
KD– मे बी .. थॉट्स नॉट इन माय लक , ओके बाई .. विल मीट यू सून …
उसके बाद फ़ोन काट गया .. रिती तो उसकी आवाज सुनकर ही , मुस्कुराने लगी .. वो क्यूट सा चेहरा हर बार उसकी आँखों के सामने छा जाता था …
उसे अब इंतज़ार था तो सिर्फ , KD से मिलने का .. क्या अब भी वो उसे याद है , कहीं वो आगे बढ़ गया हो तो .. ये सवाल भी रिती को परेशान कर रहा था .. और वही उसकी शादी की भी बात चल रही थी घर में …
अगले दिन सुबह ही रिती ने KD से मिलने का प्लान बनाया .. उसने कोमल को फ़ोन कर दिया की .. जैसे ही उसका फ़ोन आये वो उसे , मिलने के लिए बोले …
और जब उसका फ़ोन आया , तो कोमल ने उसे .. एक कैफ़े में बुला लिया .. कोमल और रिती वहा बैठी , KD का वेट कर रही थी .. KD आते ही उनकी टेबल पर बैठ गया .. उन लोगों को तो सोचने तक का मौका न मिला …
कोमल तो उससे पहले मिल ही चुकी थी .. लेकिन रिती उसे पुरे 4 साल बाद देख रही थी .. उसके चेहरे पर मुस्कराहट खुद बखुद आ गयी .. उसने उसको देखकर फिर उसी तरह से शर्माकर चेहरा घुमा लिया …
जैसे वो कॉलेज में करती थी , तरस गयी थी .. वो इस एहसास के लिए , KD उसे देखते हुए बोला …
KD– तुम तो बिलकुल नहीं बदली .. उसी तरह का शर्माना , लेकिन किस से …
रिती ने चेहरा उसकी तरफ घुमाया .. वो उसके चेहरे को देखते हुए प्यार से , धीरे से बोली …
रिती — तुम तो बिलकुल बदल गए , लेकिन चेहरा बिलकुल वैसा ही .. क्यूट और मासूम …
KD– जी कुछ कहा अपने …
रिती — क्या लेंगे आप .. कुछ आर्डर करते है …
KD–जी नहीं .. मैं कुछ नहीं लूंगा , आप लोग आर्डर कीजिये .. या फिर हम कहि घूमने चलते है …
कोमल — ये क्या लगा रखा है , तुम लोगों ने .. आप – आप , अरे यार कॉलेज फ्रेंड्स की तरह नहीं लग रहा है जैसे .. एक दूसरे को शादी के लिए देखने आये हो …
रिती और KD दोनों उसकी बात पर मुस्कुराने लगे .. फिर उन लोगों ने बीच पर जाने का प्लान बनाया .. आखिर इतने दिनों के बिछड़े दो दिल कब तक दूर रहते .. धीरे धीरे , दोनों की बातें बढ़ती ही चली जा रही थी …
कभी तो बातों में इतना खो जाते की .. कोमल को भी भूल जाते .. 1-2 दिन उनके बिच घूमना फिरना चलता रहा .. KD ने अपना नंबर लिख कर रिती को दे दिया था …
***आज का दिन ***
जैसे ही रिती घर से निकलने को थी .. मीना ने उसे रोक लिया , वो रिती से बोली …
मीना — रिती .. आज तुम कहीं नहीं जा सकती हो .. आज करन और उसकी फॅमिली आ रहे है …
रिती — लेकिन माँ .. वो इंसान आता तो है ही नहीं .. अगर आज भी नहीं आया तो …
मीना — बेटा .. आज उसकी बहन उसे लेकर आ रही है .. उसने पहले ही बोल दिया है , अपने भाई को .. आज उसे आना ही पड़ेगा ..
रिती — लेकिन माँ …
मीना — लेकिन क्या .. ऐसा क्या करने जा रही है तू .. जो इतना जरूरी है , मुझे कुछ नहीं सुनना जा जल्दी से तैयार हो .. आज ही सगाई करने वाले हैं वो लोग …
तब तक रिती की सारी फ्रेंड्स भी आ गयी थी .. उन्हें मीना ने बुलाया था , रिती को जैसे सब कुछ .. एक सजा जैसा लग रहा था , वो मन ही मन अपनी किस्मत को कोष रही थी …
“क्या किस्मत है , मेरी .. पहले वो लड़का आता नहीं था .. और जब मुझे अपना बिछड़ा हुआ प्यार मिल गया है .. तो वो भी अब आने को राजी हो गया “…
रिती सिर्फ पुरे समय यही सोचती रही की .. उसके साथ ये क्या हो रहा है , वो KD को छोड़ नहीं सकती थी .. उसने मन बना लिया की वो आज करन से बात करके ही रहेगी …
वो आज उसे बता देगी की वो किसी और से प्यार करती है .. लेकिन उसे KD का तो कुछ पता नहीं था .. क्या वो उसे प्यार करता है या नहीं …
उसने अपना मोबाइल उठाया और KD को कॉल कर दिया .. KD ने फ़ोन उठाया , वो कुछ बोलता उससे पहले ही रिती बोली …
रिती — हेलो .. KD, मैं रिती बोल रही हूँ .. क्या तुम मुझसे अब भी प्यार करते हो …
कुछ देर के लिए दोनों और ख़ामोशी सी चा गयी .. रिती ने फिर अपना सवाल दोहराया , और KD ने उसे हां बोल दिया …
इससे पहले की KD कुछ और बोले .. रिती ने फ़ोन काट दिया .. और तैयार होने लगी …
रिती और उसकी फॅमिली , करन और उसकी फॅमिली का इंतज़ार कर रही थी .. तभी बाहर गाडी के रुकने की आवाज आयी , शालू और उसके मम्मी पापा अंदर आ गए .. उनके साथ करन को न देखकर …
मीना के चेहरे पर फिर से सवालों के निशाँ आ गए .. उसके चेहरे के सवालों को भांपकर , शालू बोली …
शालू — रिलैक्स .. आंटी जी , इस बार शालू ने वादा किया था .. भैया आये है , लेकिन वो भाभी से अकेले में बात करना चाहते हैं .. तो बाहर आपके गार्डन में बैठे हैं …
मीना ने रिती की तरफ देखा , माँ की नज़रों को समझकर वो बाहर चल दी .. बाहर आकर वो गार्डन की तरफ चली ही थी की .. उसे KD बाहर से आता दिखा , वो उसे देखकर हैरान रह गयी …
वो उसके पास पहुंची .. और पहुँचते ही शुरू हो गयी …
रिती — KD .. तुम यहाँ , अच्छा हुआ तुम आ गए .. पता है मुझे लड़के वाले देखने आये है .. लेकिन मैं सिर्फ तुमसे प्यार करती हूँ ..
तब तक रिती की माँ और बाकी लोग बाहर आये .. अपनी माँ को देखते ही रिती डर गयी वो फिर भी बोली …
रिती — माँ .. ये KD है , ये मेरे साथ 4 साल पहले दिल्ली में पढता था .. हम एक दूसरे को तभी से प्यार करते हैं .. मैं इसी से शादी करना चाहती हूँ …
आज भी मैं करन का सिर्फ इसीलिए वेट कर रही थी .. ताकि उन्हें सब सच बता सकू , मैं उनसे शादी नहीं कर सकती .. मैं सिर्फ KD से ही शादी करुँगी …
शालू — लेकिन भाभी .. आप तो मेरी भाभी बन ने वाली थी न .. फिर ये सब …
रिती — सॉरी .. शालू , तुम्हे मुझसे भी अच्छी कोई और भाभी मिल जाएगी .. और फिर तुम्हारे भैया कहते हैं न कि .. जो किस्मत में हो वो जरूर मिलता है …
तो आप जैसी प्यारी ननद जिसकी किस्मत में होगी .. वो आपकी भाभी जरूर बनेगी , बहुत लकी होगी वो …
शालू — सच में भाभी .. आप सचमुच लकी हो …
फिर KD कि तरफ देखते हुए बोली ..
“ओह्ह तो आप इसलिए सुबह फोटो देखने के बाद .. तुरंत आने के लिए राजी हो गए थे .. पुराण प्यार जो है .. हम्म बोलो भैया ”
शालू कि बात पर करन हसने लगा .. और बाकि सब भी , लेकिन रिती के होश उड़े हुए थे .. वो शालू से बोली …
रिती — ये तुम्हारे भैया हैं ….
मीना — हा बेटा .. यही तो है , करन …
रिती — फिर ये KD…
करन — करन दीवान .. मैं ही KD हूँ और मैं ही करन .. यह मेरे अंकल कि कंपनी है .. कॉलेज में फर्स्ट ईयर में ही जब अंकल कि तबियत खराब हुयी ..
तो उन्होंने ये कंपनी मेरे नाम कर दी थी और मुझे यहाँ मुंबई बुला लिया .. यहीं मैंने अपनी पढ़ाई पूरी कि और उनकी कंपनी को भी संभाला .. मेरा नाम करन ही है ..
रिती को अब भी यकीन नहीं हो रहा था कि .. उसकी किस्मत तो उसे उसके प्यार से ही मिला रही थी .. बस उसे भी सही समय का इंतज़ार था …
सौरभ सिंह
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