Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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जिदगी भर यही सोचता रह गया

 

"जिदगीभरयहीसोचतारहगया"

मुझसेमुंहमोड़करतुमकोजातेहुए,

मूकदर्शकबनादेखतारहगया,

क्यामिलाथातुम्हेंदिलमेरातोड़कर,

जिंदगीभरयहीसोचतारहगया???


भूलनेकेलियेतुमकोहमनेजतन,

क्यानहींहैंकियेजान--मन,

उतनेहीयादआयेहोतुमरातदिन,

अपनीयादोंसेमैंजूझतारहगया???

रास्ताजबबनीरास्तेकीगली,

मैंजोगुजराकभीधडकनेबढ़गयी,

एकखिड़कीखुलीऔरतुम्हेंदेखकर,

मैंजहाँपरखडाथाखडारहगया???


"
जिदगीभरयहीसोचतारहगया"

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