Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

कर गयी

 

"करगयी"

तेरीकहीएकबातमेरेजिगरमेंउतरगयी,

एककामथाबचाहुआवहकामकरगयी...
कबसेभटकरहाथामैंसहरामेंप्यारके,

शिद्दतकीप्यासथीजोवोएक-दमउतरगयी...

तन्हाउदासराहोंकामंजरकुछअजीबथा,

आहटमगरतेरीमेरीजिन्दगीमेछावकरगई...

कुछटूटकेतड़पकेदिलबिखररहाथाजब,

तुमथामकेआगोशमेबदहवासकरगई

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ