Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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ख्वाब जैसे ख्याल होते हैं

 

ख्वाब जैसे ख्याल होते हैं
इश्क में ये कमाल होते हैं

गम अजब हैं यहाँ सितारों के
चाँद को भी मलाल होते हैं

शब् की तनहाइयों में अक्सर ही
जलवा-गर सब ख्याल होते हैं

इश्क बर्बाद हो गया कैसे
हुस्न से ये सवाल होते हैं

उनकी फुरक़त में रात दिन "सीमा"
आजकल हम निढाल होते हैं

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