ख्वाब जैसे ख्याल होते हैं
इश्क में ये कमाल होते हैं
गम अजब हैं यहाँ सितारों के
चाँद को भी मलाल होते हैं
शब् की तनहाइयों में अक्सर ही
जलवा-गर सब ख्याल होते हैं
इश्क बर्बाद हो गया कैसे
हुस्न से ये सवाल होते हैं
उनकी फुरक़त में रात दिन "सीमा"
आजकल हम निढाल होते हैं
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