Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

मधुर एहसास

 
"मधुर एहसास "  चंचल मन के कोने मे मधुर एहसास   ने ली जब अंगडाई,  
रेशमी जज्बात का आँचल   पर फैलाये देखो फलक फलक...   खामोशी के बिखरे ढेरो पर यादों के स्वर्णिम प्याले से   कुछ लम्हे जाएँ छलक छलक...    
अरमानो के साये से उलझे नाजों से इतराते ख़्वाबों को चुन ले चुपके से पलक पलक...   ये मोर पपीहा और कोयल  
सावन में भीगी मस्त पवन   रास्ता देखे कब तलक तलक...  
रात के लहराते पर्दों पे नभ से चाँद की अठखेली   छुप जाये देके झलक झलक...
 


Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ