Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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मेरे चेहरे पे जो कहानी है

 

 

मेरे चेहरे पे जो कहानी है
मेरे दिल की ही तर्जुमानी है

 

 

नींद आँखों में जागती ही रही
गरचे रातों की ख़ाक छानी है

 

 

उसकी सूरत ग़ज़ल में ढाली है
उस में तस्वीर अब बनानी है

 

 

दो घडी के लिए ही आ जाओ
छोडिये जो भी बदगुमानी है

 

 

जोड़ना दिल से दिल नहीं मुश्किल
एक दीवार बस गिरानी है

 

 

इस में खुशियाँ बिखेर दे सीमा
चार दिन के ये जिंदगानी है

 

 

सीमा गुप्ता

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