"मौन का उपवास"
अनुभूतियों का आचरण
शालीन सभ्य सह्रदय हुआ,
और भावः भी चुप चाप हैं,
अधरों पे आके थम गया
शब्दों का बढ़ता कारवां,
स्वर कंठ में लुप्त हुए,
क्या "मौन" का उपवास है
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"मौन का उपवास"
अनुभूतियों का आचरण
शालीन सभ्य सह्रदय हुआ,
और भावः भी चुप चाप हैं,
अधरों पे आके थम गया
शब्दों का बढ़ता कारवां,
स्वर कंठ में लुप्त हुए,
क्या "मौन" का उपवास है
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