Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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तुम्हारी बाट मे

 

"तुम्हारी बाट मे"

अंधियारे की चादर पे,
छिटकी कोरी चांदनी ..सन्नाटे मे दिल की धडकन ,
मर्म मे डूबे सितारों का न्रत्य और ग़ज़ल...
झुलसती ख्वाइशों की
मुंदती हुई पलक ..
मोहब्बत की सांसों की,
आखरी नाकाम हलचल..
पिघलते ह्रदय का
करुण खामोश रुदन..
ये सब तुम्हारी बाट मे,
इक हिचकी बन अटके हैं..अगर एक पल को तुम आते इन सब को सांसों के कर्ज से...निज़ात दिला जाते...

 

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