Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

कलाकार

 
ईश्वर से बिछुडी आत्मा का सुखद सँयोग ,सम्भोग प्रकृति के सन्ग भरता नई उमन्ग हुआ कोमल भावनाओ का जन्म जो मिल गई हृदयासागर मे  बन कर तरन्ग बहे भाव सरिता की भान्ति एकाकार ,निश्चल,निश्कपट निरन्तर प्रवाहित सुविचार चक्षुओ पर प्रहार सोच पर अत्याचार और बन गया कलाकार 

***************************************

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ