Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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अपने आँचल मे ही छुपा ले माँ

 

अपने आँचल मे ही छुपा ले माँ।
मुझे इस दुनियाँ से बचा ले माँ।

 

 

आज ये पाँव थक गये फिर से।
गोद मे फिर मुझे उठा ले माँ।

 

 

सारी जन्नत उतार लुँ दिल मे।
मुझको अपने गले लगा ले माँ।

 

 

अपने हाथोँ मुझे खिलाया है।
मेरे हाथोँ से तु भी खा ले माँ।

 

 

बिन तेरे एक पल नही जीना।
पास अपने मुझे बुला ले माँ।

 

 

तु ही आकर मुझे मनायेगी।
शौक से तु मुझे सता ले माँ।

 

 

मुझको अरमाँ नही है जीने का।
जिन्दगी से मुझे चुरा ले माँ।

 

 

चैन की साँस ले सकुँ फिर से।
अपनी गोदी मुझे बिठा ले माँ।

 

 

जिन्दगी का शबाब पा लुँ गर।
साथ मे चार पल बिता ले माँ।

 

 

तेरे कदमोँ मे ही रहेगा 'शिव'।
कब्र मे भी मुझे लिटा ले माँ।

 

 

 

'शिव'

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